एक ऐसा मंदिर जहा पाकिस्तानी बम ही होगये फ़ैल तनोट माता का मंदिर | Tanot Mata

Tanot Mata Mandir 

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दोस्तों जैसा की हम सब जानते है की पुलवामे हुए आतंकी हमले के बाद जब भारत की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक के बाद से दोनों देसो के बिच बहोत ही तनाव पूर्ण स्थिति बन गई है। और ऐसा लग रहा है और लोग मान रहे है की युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है। अब ये तो हम फ़ाइनल नहीं जानते की युद्ध  होगा या नहीं होगा पर इस से पहले भारत और पाकिस्तान के बिच कई युद्ध हुए है। पर दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारेमे बताने जा रहे है जो की बहोत ही चर्चित मंदिर है जिसके बारेमे सायद आपने सुना भी होगा। जो 1965 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध का गवाह है। जिसका नाम है तनोट रे माताजी का मंदिर जी है यह मंदिर राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है। और दोस्तों यह मंदिर पाकिस्तान की बॉर्डर से केवल और केवल 20 किलोमीटर ही दूर है।

क्या है इस मंदिर की खास बात 

अब आप दोस्तों सोच रहे होंगे की इस मंदिर की ऐसी तो कोनसी खासियत है जिसकी वजह से यह इतना चर्चित है। बताते है आपको दरसल तनोट माता भारतीय सुरक्षा बल की आराध्य देवी मानी जाती है। और इस मंदिर की देखरेख भी सेना के जवान ही रखते है। 1965 में जब भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ तब उस टाइम पाकिस्तानी सेनाने इस मंदिर के क्षेत्र में करीब 3000 बम गिराए गए थे लेकिन दोस्तों वह बमसे मंदिर को एक खरोच तक नहीं आयी यह मंदिर वैसा का वैसा ही बना रहा। दोस्तों आज भी अगर आप इस  मंदिर में जाते है तो वह पर करीबन 450 बम रखे हुए है जोकि पाकिस्तान के द्वारा गिराए गए बम है जो आम लोगो को देखने केलिए रखे गए है। ये जो बम है ये उस समय फ़टे नहीं थे। यही दोस्तों कारन है की आज यहाँ के लोग और भारतीय सेना इसे चमत्कार मानते है। 

पाकिस्तानी ब्रिगेडियर ने भी टेका माथा 

दोस्तों एक और दिलचस्प बात  जो सायद आप नहीं जानते होंगे वह यह है की 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के ब्रिगिडियर शाहनवाज खान ने भारत सरकार से इस मंदिर के दर्शन करने की अनुमति मांगी थी फिर ढाई साल बाद जाकर भारत सरकारने उन्हें अनुमति दी और फिर उन्होंने यहाँ आकर तनोट माता के दर्शन किये लेकिन आपको बतादे की उन्होंने न केवल दर्शन किये बल्कि उन्होंने माता के मंदिर में एक चंडी का छतर भी चढ़ाया जो की आज भी मंदिर में मौजूद है। 

दोस्तों इस मंदिर में लगे शिलालेख के अनुसार आवड देवी यानि तनोट माता का जन्म विक्रम संवत 808 में मामड़िया जी की पहेली संतान के रूपमे जैसलमेर में हुआ था। माँ भगवती तनोट माताने अपने जनम के बाद बहोत से चमत्कार दिखाए और लोगो का कल्याण किया।  राजा तनुरावजी भाटी ने तनोट गढ़ की नीव 847 में रखी थी और उसके बाद यहाँ पर मंदिर बनाया गया और ये तनोट रे माता के मंदिर के रूपमे प्रसिद्द हुआ। 

अगर आप वहा  जाना चाहते है तो 

अगर दोस्तों आप इस मंदिर में जाना चाहते हो तो आप भी इस मंदिर में जा सकते है। यहाँ पर जाने केलिए आपको पहले जैसलमेर जाना होगा फिर वहासे करीबन 130 किलोमीटर दूर है यह मंदिर जैसलमेर से आप राजस्थान रोडवेज या फिर प्राइवेट टेक्सी के जरिये आप इस मंदिर तक जा सकते है पर दोस्तों आप वहा जाते वक्त अपना परिचय पत्र जरूर साथमे रखे। और आपको बतादे की यहाँ पर श्रद्धालुओ के ठहरने केलिए विश्राम गृह भी बनाया हुआ है। 
एक ऐसा मंदिर जहा पाकिस्तानी बम ही होगये फ़ैल तनोट माता का मंदिर | Tanot Mata एक ऐसा मंदिर जहा पाकिस्तानी बम ही होगये फ़ैल तनोट माता का मंदिर | Tanot Mata Reviewed by Mahi Chauhan on February 27, 2019 Rating: 5

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