नचिकेता को पाकिस्तान से बचाने केलिए अपनी जान कुर्बान करने वाले अजय आहूजा की पूरी कहानी | Ajay Ahuja
नचिकेता को बचान केलिए जानकी क़ुरबानी देनेवाले अजय आहूजा
भारतीय एयरफोर्स के पायलट अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की गिरफ़्तारी में है। उनका विमान MIG-21 पाकिस्तान के अधिकृत pok कश्मीर में २७ फरवरी को क्रेश हुआ था और फिर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया। लेकिन दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे है 1999 के जांबाज फाइटर पायलट अजय आहूजा की कहानी
अजय आहूजा की कहानी
दोस्तों कहानी कुछ यु शुरू होती है - नचिकेता को पाकिस्तान ने अपनी कैद में लिया और उसके 8 दिन बाद वह भारत लौट आये लेकिन कारगिल के युद्ध के दौरान जो पायलट नचिकेता और उनके प्लेन को खोजने गये थे वह पायलट पाकिस्तान के हाथ लग गए। परंतु वह हमारे जांबाज नचिकेता की तरह खुश नसीब नहीं थे। दोड़तो आपको बतादे की अजय आहूजा का सर्विस नंबर 17864-A था। अजय आहूजा श्रीनगर में कार्गिल ऑपरेशन केलिए भेजी गई mig-21 स्क्वाड्रन के फाइटर कमांडर थे।
दोस्तों अब हम आपको बताते है की अजय आहूजा पाकिस्तान की गिरफ्त में कैसे आये।
27 मई 1999 के दिन जब बटालिक क्षेत्र में दुश्मनो के क्षेत्र कि जानकारी लेने केलिए 2 एयरक्राफ्ट को उड़ने की योजना बनाई गई और मिसन को शुरू किया गया। कुछ टाइम बाद खबर मिली की मुन्थो ढालो के नजदीक फ़्लइट लेफ्टिनेंट नचिकेता MIG -21 से इंजेक्ट कर गए है। यह बात पता चलते ही अजय ने अपना मिसन बदल दिया और नचिकेता की खोज शरू कर दी।
बचे थे केवल दो ऑप्शन्स
दोस्तों अब अजय के पास केवल २ ऑप्शन बचे थे पहला ऑप्शन ये था की वह अपनी सुरक्षा केलिए एयरबेस वापस लौट जाये और दूसरा ऑप्शन ये था की वह नचिकेता के पीछे जय और उनको खोजे। अब दोस्तों उन्होंने दूसरा रास्ता चुना नचिकेता को ढूंढने का क्योकि वह जानते थे की नचिकेता किसी परेशानी में है और उन्हें मदद की जरुरत है। और वोह उन्हें ढूंढने केलिए मुन्थो ढालो की तरफ आगे बढे
वहा पर ही जमींन से हावा में मिसाल दागी जा रही थी यह बात जानते हुए भी अजय ने हार नहीं मानी और वह उस एयरक्राफ्ट और नचिकेता को ढूंढने में लगे रहे। मगर दुखद बात ये हुई की जहा वो छान भिन कर रहे थे वह सरहद का इलाका था और वह बदकिस्मती से दुश्मन के निशाने पर आ गए और उनपर जमीन से वार करने वाली मिसाइल से हमाला किया गया। फिर उन्होंने विमान को उड़ाने की कोसिस की लेकिन इंजन में आग लगने की वजह से इंजन ख़राब हो गया इस वजह से उनके पास इंजेक्ट करने के आलावा कोई और ऑप्शन नहीं था। उन्हों ने ये कहते हुए इंजेक्ट किया की 'हर्कुलस मेरे प्लेन में कुछ चीज टकराई है। इस से इंकार नहीं किया जा सकता की यह एक मिसाइल है में प्लेन से इंजेक्ट हो रहा हु'
वीर चक्र से सन्मानित
उसके बाद २८ मई को आहूजा का सव भारतीय सेना को सोप दिया गया और उनके शरीर में दो गोलिया लगी हुई थी। अजय आहूजा को 15 अगस्त 1999 को अजय आहूजा को मरणोपरांत 'वीर चक्र' से सम्मानित किया गया।
नचिकेता को पाकिस्तान से बचाने केलिए अपनी जान कुर्बान करने वाले अजय आहूजा की पूरी कहानी | Ajay Ahuja
Reviewed by Mahi Chauhan
on
February 28, 2019
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