कुदरत और प्रकृति से जोड़ने वाली नगरी ऋषिकेश, मनमोहक है यहाँ का हर एक दृश्य। Rishikesh, Uttarakhand

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Rishikesh 

मनमोहक  नगरी ऋषिकेश 

दुनिया का कोना कोना कुदरत की सुंदरता से भरा हुआ है। सृष्टि में कोई ऐसी जगह नहीं है जहा की कोई विशिष्टता ना हो। हर जगह हर स्थल की अपनी एक अलग विशिष्टता है। और कुदरत के नज़ारे देखना किसे पसंद नहीं ? दोस्तों कहते है की अगर आपको कुदरत को करीब से देखना है प्रकृति को आखो में बसाना है तो एक बार ऋषिकेश को विजिट करो। 
जि हा हम बात कर रहे है उत्तराखंड राज्य जिसका देहरादून जिल्ला और उसमे बसे हुए एक बहोत ही सुप्रसिद्ध और मन मोहक पर्यटन स्थल ऋषिकेश के बारेमे। यह मन मोहक स्थल हिमालय की तलहटी में स्थित है जिसे 'गढ़वाल हिमालय का प्रवेश द्वार या फिर यु कहे की 'योग केपिटल ऑफ़ थे वर्ल्ड' के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थल हरिद्वार की उत्तर दिशा में लगभग 25 किलोमीटर और और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 43km दूर है। इसे तीर्थ नगरी के रूपमे भी जाना जाता है क्योकि ये हिन्दुओ के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। प्राचीन भारत के समय में यहाँ पर ऋषि-मुनि ध्यान, प्रार्थना और योग जैसी क्रियाये किया करते थे।

यहाँ का एक झूला बहोत ही सुप्रसिद्द है जिसे हम लक्ष्मण झूला के नाम से जानते है। यह झूला इस लिए बनाया गया क्योकि माना ये जाता है की इसी जगह से भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने गंगा को पार किया था जहा पर अभी लक्षमण झूला बना हुआ है। दरअसल यह जुला गंगा नदी  की ऊपर बना हुआ एक हेंगिंग ब्रिज है। जो नदी से लगभग  70ft उचाई पर बनाया गया है। और अगर बात करे इस पूल की लम्बाई की तो यह पूल 450ft लम्बा है और यह जुला ऋषिकेश से 5km दूर है। यह जुला पर्यटकों के मनमे ऋषिकेश की एक अलग ही छाप उपसाता है। इस झूले का निर्माण 1929 मे हुआ था। 

तीन पवित्र नदिया गंगा, यमुना और सरस्वती का जहा पर मिलन होता है, वहा पर एक घाट बना हुआ है जिसे हम त्रिवेणी घाट के नाम से जानते है। यह तीनो नदिया हिन्दू धर्म की सबसे पवित्र और शुद्ध नदिया है। इस स्थल की एक खास मान्यता है। और वह यह है की यहाँ पर जब तीन पवित्र नदियों का संगम होता है तो इस पवित्र और असाधारण जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति के अंतर्मन की शुद्धि होती है। व्यक्ति पाप, चिंता, भय जैसे तत्वों से मुक्ति पाता है। इस घाट का नजारा तब अद्भुत और अविस्मरणीय हो जाता है जब इस घाट पर शाम को आरती होती है। इस आरती से आपको एक अलग ही आध्यात्मिक शांति मिलती है। अगर आप कभी ऋषिकेश जाते है तो इस आरती में भाग लेना मत भूलना। 

यहाँ का एक आश्रम भी बहोत प्रसिद्द है जो है स्वामी विशुद्धानंद द्वारा स्थापित किया गया स्वर्ग आश्रम इस आश्रम को सबसे प्राचीन आश्रम के रूपमे भी जाना जाता है। स्वामी विशुद्धानंद को काली कमली वाला के नामसे भी जाना जाता है वह इस लिए क्योकि वह काले कलर का कम्बल पहने रखते थे। यह आश्रम भी ऋषिकेश के महत्वपूर्ण स्थानो में अपनी जगह रखता है। इस आश्रम से सूर्यास्त का नजारा बहोत ही अद्भुत दीखता है और इसी लिये पर्यटक यहाँ पर साम के समय इस अद्भुत नज़ारे का मजा लेने आते है। आपको बतादे की अगर आप इस आश्रम में योग और ध्यान करना चाहते है तो आपको 300 रुपये का चार्ज यानि शुल्क देना पड़ेगा। 

ऋषिकेश के पवित्र धर्म स्थानों में से एक और भारत के सबसे पवित्र शिव मंदिरो में से एक नीलकंठ महादेव का मंदिर ऋषिकेश से 12km दूर समुद्र मंथन की गाथा को दर्शाता है। इस मंदिर में स्थित झरने में भक्त स्नान करके शिवजी की पूजा करते है। 

अगर आपको ऋषिकेश में कुछ हटके करना है तो आप केलिए एक ऑप्शन बचता है राफ्टिंग। जी हा ऋषिकेश में राफ्टिंग बहोत ही फेमस है। ऋषिकेश में राफ्टिंग केलिए बहोत पर्यटक आते है और राफ्टिंग का मजा उठाते है। अगर आपको केम्पिंग और राफ्टिंग एक साथ करनी है तो भी आपको पैकेज मिल जायेगा।

ऋषिकेश कैसे पहुंचेंगे 

अगर आप ऋषिकेश जाना चाहते है तो आप हवाई यात्रा या फिर रेल यात्रा करके भी जा सकते है। ऋषिकेश का नजदीक का हवाई अड्डा देहरादून में है जिसका नाम है जोली ग्रांट एयरपोर्ट। जो की ऋषिकेश से 35km दूर है। और ऋषिकेश का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार में है जो की ऋषिकेश से 25km की दुरी पर स्थित है। फिर आप प्राइवेट टेक्सी से भी ऋषिकेश जा सकते है। 
कुदरत और प्रकृति से जोड़ने वाली नगरी ऋषिकेश, मनमोहक है यहाँ का हर एक दृश्य। Rishikesh, Uttarakhand कुदरत और प्रकृति से जोड़ने वाली नगरी ऋषिकेश, मनमोहक है यहाँ का हर एक दृश्य। Rishikesh, Uttarakhand Reviewed by Mahi Chauhan on March 16, 2019 Rating: 5

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